लोक आस्था का महापर्व मनाने पहुँचते है झिम नदी घाट पर दो देशों के छठव्रती

भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध है। लोक आस्था के महापर्व पर बिहार में ये पंक्तियां पूर्णतया चरितार्थ होते दिखाई देती हैं। भारत व नेपाल की छठ व्रती बड़ी संख्या में एक ही नदी घाट पर लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा मनाने के लिए जुटते हैं। हर वर्ष छठ के मौके पर बिहार के सीतामढ़ी जिले के सीमावर्ती प्रखंड मुख्यालय सोनबरसा में ऐसा नजारा दिखता है। हर साल छठ पूजा के मौके पर यहां संस्कृति की अद्भुत एकजुटता देखने को मिलती है। बिहार-नेपाल के लोग छठ महापर्व इकट्ठा मनाते हैं। यह नजारा सोनबरसा प्रखंड की सीमा पर अवस्थित सोनबरसा(भारत)-त्रिभुवन नगर (नेपाल) बार्डर पर इसका विहंगम दृश्य देखने को मिलता है।भारत तथा नेपाल के छठव्रती लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा मिलजुलकर धूमधाम से मनाते हैं। नदी के पूर्वी तट पर  सीमावर्ती नेपाल के सर्लाही जिलान्तर्गत ब्रह्मपुरी गांवपलिका के त्रिभुवन नगर व सोनबरसा प्रखंड की सीमा पर प्रखंड के दर्जनों गांव जैसे सोनबरसा, लालबंदी, बसतपुर, हरिहरपुर, बिश्रामपुर, जहदी आदि एवं नेपाल के त्रिभुवन नगर, मलंगवा आदि इलाकों के बड़ी संख्या में दोनों देशों के छठव्रती सरहद की सीमा पर एक साथ मिलकर सूर्य की उपासना करते हैं।दोनों देशों को एक साथ छठ पूजा मनाते देख, बेहद सुखद अनुभूति होती है। दोनों देशों के छठव्रती कई दशकों से हजारों की संख्या में इस नदी के दोनों किनारे अर्घ्य देते आ रहे हैं। अधवारा समूह के झिम नदी के पश्चिमी तट पर भारतवासी छठव्रती तो पूर्वी तट पर पड़ोसी राष्ट्र नेपालवासी छठ पर्व मनाते हैं। दोनों देशों के नागरिक प्रत्येक वर्ष छठ पर्व मनाने की विधि-विधान तथा सूर्य देवता की उपासना एक साथ मिलकर करते हैं। सालों से दोनों देशों के लोग नदी किनारे डूबते और उगते सूर्य देव को अर्घ देने के लिए जमा होते हैं। नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में बिहार के साथ-साथ नेपाल के मूल निवासी की भी छठ पर्व के प्रति आस्था बढ़ती जा रही है। नेपाल के त्रिभुवन नगर, मलंगवा,ब्रह्पुरी, बैयलबास(ईश्वरपुर)आदि गांवों से  बड़ी संख्या में बिहार लोग रहते हैं। इन्हें प्रत्येक वर्ष छठ पर्व मनाने की विधि-विधान तथा सूर्य देवता की उपासना को देख नेपाली मूल के लोगों में भी धीरे-धीरे आस्था बढऩे लगी और आज बड़ी संख्या में नेपाल के मूल निवासी भी छठ पर्व की आस्था से जुड़ रहे हैं। छठ पर्व की अलौकिकता से हर साल नेपाल में पर्व मनाने वालों की संख्या बढ़ रही है।झिम नदी घाट पर छठ पर्व में काफी भीड़ उमड़ पड़ती है। भारी भीड़ की सुरक्षा के लिए सीमा पर तैनात भारत के एसएसबी के जवान व बिहार पुलिस प्रशासन एवं नेपाल के सशस्त्र प्रहरी व नेपाली पुलिस चप्पे-चप्पे पर गश्त लगाते देखे जाते हैं। इस दरम्यान एसएसबी द्वारा स्वान दस्ता का भी सहारा लिया जाता है ताकि भारत-नेपाल के असामाजिक व विरोधी तत्वों तथा तस्करों द्वारा की जानेवाली गलत गतिविधियों पर कड़ी नजर रखते हुए उसे नाकाम किया जा सके।हजारों की संख्या में नेपाल निवासी छठ पर्व को देखने व मन्नत मांगने झिम नदी के घाट पर आते हैं। इस वक्त दोनों देश भारत व नेपाल वासियों में काफी उत्साह व उमंग के साथ छठ पर्व को मनाते है।दोनों देश के छठ पूजा समिति के प्रयासों से रात भर नदी के घाट पर भजन संध्या सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता है। साथ ही लाइटिंग, मुफ्त चिकित्सा शिविर, चाय, गर्म पानी व सर्बत के स्टॉल तथा माईकिंग की समुचित व्यवस्था की जाती है। दोनों ही देश के सीमावासी नदी के दोनों पार जाकर पूजा घूम सके, इसके लिए सोनबरसा प्रखंड प्रशासन तथा सीमा पर तैनात एसएसबी के द्वारा हरसंभव प्रयास की जाती है।

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