कचोर पंचायत के मुखिया की गोली मार हत्या
सोनबरसा प्रखण्ड के कचोर पंचायत के मुखिया मधुरेन्द्र कुमार मिश्र उर्फ मुन्ना मिश्र की रीगा थाना क्षेत्र के रामनगरा में गोली मारकर हत्या कर दी है।परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार
वो अपनी पत्नी रंजू देवी के साथ निजी कार से सोनबरसा स्थित अपने पैतृक गांव से बसवरिया स्थित घर जा रहे थे। रास्ते में सीमेंट फैक्ट्री से आगे मोड़ पर पांच-छः की संख्या में आए बदमाशों ने कार को घेरकर उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। अपराधियों ने उन्हें निशाना बनाते हुए आठ राउंड फायरिंग की। मुखिया को सीने में पांच गोलियां लगीं। उन्हें मरा हुआ समक्ष अपराधी फरार हो गए। घटना करीब 8:10 बजे की है।गाड़ी में बैठे पत्नी व डॉगी को अपराधियों ने कोई क्षति नहीं पहुंचायी। घटना की सूचना उसकी पत्नी ने घर पर अपनी पुत्री दीक्षा को फोन कर घटना की जानकारी दी।यह खबर जिला भर में आग की तरह फैल गई। तब बेटी की सूचना पर पुलिस और दूसरे लोग घटनास्थल पर पहुंचे। तब उन्हें गंभीर स्थिति में शहर के एक निजी क्लिनिक ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही अस्पताल में मुखिया समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी। मामले की जानकारी मिलते ही सदर एसडीपीओ वन राम कृष्णा और बड़ी संख्या में रीगा और टाउन थाना पुलिस मौके पर पहुंच जांच शुरू कर दी है। मुखिया की हत्या से इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है। मधुरेंद्र सिंह क्षेत्र में एक प्रभावशाली नेता माने जाते थे।उनकी हत्या ने क्षेत्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। पुलिस मामले को जल्द सुलझाने का आश्वासन दे रही है। थाना क्षेत्र के कचोर पंचायत निवासी ललन मिश्रा के 43 वर्षीय पुत्र व वर्तमान मुखिया मधुरेन्द्र कुमार मिश्रा क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखते थे। आपसी रंजिश में टारगेट के तहत उनकी हत्या की आशंका जताई जा रही है। वो 2016 में भी मुखिया थे। वो अपने पीछे पत्नी रंजू देवी व एक पुत्र साहित्य व एक पुत्री दीक्षा
को छोड़ गये हैं। भुतही महावीरी झंडा आदि पर्व और आयोजनों में हिन्दू- मुस्लिम एकता मंच से जुड़कर शांतिपूर्ण तरीके से पर्व को संपन्न कराने अपना महत्वपूर्ण योगदान देते रहे हैं। इनका जन्म 1 मार्च 1978 में हुआ था। इन्होंने लालचंद उच्च विद्यालय पुपरी से मैट्रिक पास किया था। शुरू से ही सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहते थे। हाईस्कूल लाइफ से ही राजनितिक गतिविधियों में सक्रिय हो गए थे। ये दूसरी बार पंचायत के मुखिया के रूप में प्रतिनिधित्व कर रहे थे।देर रात दो बजे तक पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव को अंत्येष्टि हेतु परिजनों को सौंप दिया है।गुरुवार की सुबह से उनके अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में दूर दूर से लोग पहुंचे थे।कई इनके परिजनों को सांत्वना में जुटे थे।
वो अपनी पत्नी रंजू देवी के साथ निजी कार से सोनबरसा स्थित अपने पैतृक गांव से बसवरिया स्थित घर जा रहे थे। रास्ते में सीमेंट फैक्ट्री से आगे मोड़ पर पांच-छः की संख्या में आए बदमाशों ने कार को घेरकर उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। अपराधियों ने उन्हें निशाना बनाते हुए आठ राउंड फायरिंग की। मुखिया को सीने में पांच गोलियां लगीं। उन्हें मरा हुआ समक्ष अपराधी फरार हो गए। घटना करीब 8:10 बजे की है।गाड़ी में बैठे पत्नी व डॉगी को अपराधियों ने कोई क्षति नहीं पहुंचायी। घटना की सूचना उसकी पत्नी ने घर पर अपनी पुत्री दीक्षा को फोन कर घटना की जानकारी दी।यह खबर जिला भर में आग की तरह फैल गई। तब बेटी की सूचना पर पुलिस और दूसरे लोग घटनास्थल पर पहुंचे। तब उन्हें गंभीर स्थिति में शहर के एक निजी क्लिनिक ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही अस्पताल में मुखिया समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी। मामले की जानकारी मिलते ही सदर एसडीपीओ वन राम कृष्णा और बड़ी संख्या में रीगा और टाउन थाना पुलिस मौके पर पहुंच जांच शुरू कर दी है। मुखिया की हत्या से इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है। मधुरेंद्र सिंह क्षेत्र में एक प्रभावशाली नेता माने जाते थे।उनकी हत्या ने क्षेत्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। पुलिस मामले को जल्द सुलझाने का आश्वासन दे रही है। थाना क्षेत्र के कचोर पंचायत निवासी ललन मिश्रा के 43 वर्षीय पुत्र व वर्तमान मुखिया मधुरेन्द्र कुमार मिश्रा क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखते थे। आपसी रंजिश में टारगेट के तहत उनकी हत्या की आशंका जताई जा रही है। वो 2016 में भी मुखिया थे। वो अपने पीछे पत्नी रंजू देवी व एक पुत्र साहित्य व एक पुत्री दीक्षा

को छोड़ गये हैं। भुतही महावीरी झंडा आदि पर्व और आयोजनों में हिन्दू- मुस्लिम एकता मंच से जुड़कर शांतिपूर्ण तरीके से पर्व को संपन्न कराने अपना महत्वपूर्ण योगदान देते रहे हैं। इनका जन्म 1 मार्च 1978 में हुआ था। इन्होंने लालचंद उच्च विद्यालय पुपरी से मैट्रिक पास किया था। शुरू से ही सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहते थे। हाईस्कूल लाइफ से ही राजनितिक गतिविधियों में सक्रिय हो गए थे। ये दूसरी बार पंचायत के मुखिया के रूप में प्रतिनिधित्व कर रहे थे।देर रात दो बजे तक पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव को अंत्येष्टि हेतु परिजनों को सौंप दिया है।गुरुवार की सुबह से उनके अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में दूर दूर से लोग पहुंचे थे।कई इनके परिजनों को सांत्वना में जुटे थे।
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